अहमदाबाद. गुजरात में लगातार नौंवें साल मानसून की वापसी (विद्ड्रावल) में देरी तथा इस साल अब तक रिकार्ड लगभग 142 प्रतिशत वर्षा के बाद अब मानसून के वापसी के आसार दिख रहे हैं और जल्द ही इसकी शुरूआत हो सकती है।
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दिखने लगे वापसी के आसार
यहां मौसम विज्ञान केन्द्र के निदेशक जयंत सरकार ने बताया कि मानसून की वापसी के आसार दिख रहे हैं क्योंकि वायुमंडल के सबसे निचले हिस्से ट्रोपोस्फीयर में प्रति चक्रवाती प्रणाली बनी है, वातावरण से नमी घटी है और वर्षा की मात्रा बेहद कम हो गयी है। अगले 24 घंटे में पश्चिमोत्तर भारत से मानसून की वापसी शुरू होगी और इसके बाद गुजरात में भी ऐसा होने की पूरी संभावना है। राज्य में पिछले कुछ दिनों में मामूली वर्षा हुई है।
15 सितंबर को कच्छ क्षेत्र से शुरू होती है
राज्य में सामान्य तौर पर मानसून की वापसी 15 सितंबर को कच्छ क्षेत्र से शुरू होती है और पूरे राज्य से मानसून की वापसी एक सप्ताह में हो जाती है पर वर्ष 2011 से लगातार इसमें देरी हो रही है। मानूसन ने इस बार राज्य में सामान्य समय 15 जून की तुलना में विलंब से 25 जून को प्रवेश किया था और अब तक रिकार्ड 141.87 प्रतिशत (1157.66 मिलीमीटर) वर्षा हो चुकी है जो वर्ष 2013, जब लगभग 148 प्रतिशत वर्षा हुई थी, के बाद के छह सालों की सर्वाधिक वर्षा है। इस बार अब तक सभी 33 जिलों और पांचों क्षेत्रों में 100 प्रतिशत से अधिक वर्षा हुई है। क्षेत्रवार उत्तर गुजरात में 118.32 प्रतिशत (839 मिमी), कच्छ में सर्वाधिक (प्रतिशत के लिहाज से)177.79 प्रतिशत (712 मिमी), पूर्व मध्य गुजरात में 128.81 प्रतिशत (1046 मिमी), सौराष्ट्र में149.76 प्रतिशत (993 मिमी) तथा दक्षिण गुजरात में 144.53 प्रतिशत (2049 मिमी) वर्षा हुई है।